Aaj ka Panchang आज का पञ्चांग 7 फरवरी 2024 दिन बुधवार
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 07 फरवरी 2024*
*⛅दिन - बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - माघ*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - द्वादशी दोपहर 02:02 तक तत्पश्चात त्रयोदशी*
*⛅नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा 08 फरवरी प्रातः 04:37 तक तत्पश्चात उत्तराषाढ़ा*
*⛅योग - वज्र 08 फरवरी प्रातः 02:53 तक तत्पश्चात सिद्धि*
*⛅राहु काल - दोपहर 12:54 से 02:18 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:17*
*⛅सूर्यास्त - 06:31*
*⛅दिशा शूल - उत्तर*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:35 से 06:26 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 से 01:19 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत*
*⛅विशेष - द्वादशी को पूतिका (पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
*🔹प्रदोष व्रत - 07 फरवरी🔹*
*🌹 जिस दिन त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल के समय व्याप्त होती है उसी दिन प्रदोष का व्रत किया जाता है । प्रदोष काल सूर्यास्त से प्रारम्भ हो जाता है । जब त्रयोदशी तिथि और प्रदोष साथ-साथ होते हैं, वह समय शिव पूजा व गुरु पूजा के लिये सर्वश्रेष्ठ होता है ।*
*🔸ॐ कार मंत्र में 19 शक्तियाँ हैं🔸*
*🔹रक्षण शक्ति : ॐ सहित मंत्र का जप करते हैं तो वह हमारे जप तथा पुण्य की रक्षा करता है । किसी नामदान के लिए हुए साधक पर यदि कोई आपदा आनेवाली है, कोई दुर्घटना घटने वाली है तो मंत्र भगवान उस आपदा को शूली में से काँटा कर देते हैं । साधक का बचाव कर देते हैं। ऐसा बचाव तो एक नहीं, मेरे हजारों साधकों के जीवन में चमत्कारिक ढंग से महसूस होता है ।*
*🔹गति शक्ति : जिस योग में, ज्ञान में, ध्यान में आप फिसल गये थे, उदासीन हो गये थे, किंकर्तव्यविमूढ़ हो गये थे उसमें मंत्रदीक्षा लेने के बाद गति आने लगती है । मंत्रदीक्षा के बाद आपके अंदर गति शक्ति कार्य में आपको मदद करने लगती है ।*
*🔸कांति शक्ति : मंत्रजाप से जापक के कुकर्मों के संस्कार नष्ट होने लगते हैं और उसका चित्त उज्जवल होने लगता है । उसकी आभा उज्जवल होने लगती है, उसकी मति-गति उज्जवल होने लगती है और उसके व्यवहार में उज्जवलता आने लगती है ।*
*🔸इसका मतलब ऐसा नहीं है कि आज मंत्र लिया और कल सब छूमंतर हो जायेगा... धीरे-धीरे होगा। एक दिन में कोई स्नातक नहीं होता, एक दिन में कोई एम.ए. नहीं पढ़ लेता, ऐसे ही एक दिन में सब छूमंतर नहीं हो जाता। मंत्र लेकर ज्यों-ज्यों आप श्रद्धा से, एकाग्रता से और पवित्रता से जप करते जायेंगे त्यों-त्यों विशेष लाभ होता जायेगा ।*
*🔹प्रीति शक्ति : ज्यों-ज्यों आप मंत्र जपते जायेंगे त्यों-त्यों मंत्र के देवता के प्रति, मंत्र के ऋषि, मंत्र के सामर्थ्य के प्रति आपकी प्रीति बढ़ती जायेगी ।*
*🔹तृप्ति शक्ति : ज्यों-ज्यों आप मंत्र जपते जायेंगे त्यों-त्यों आपकी अंतरात्मा में तृप्ति बढ़ती जायेगी, संतोष बढ़ता जायेगा ।*
*🔹जिनको गुरुमंत्र सिद्ध हो गया है उनकी वाणी में सामर्थ्य आ जाता है । नेता भाषण करता है त लोग इतने तृप्त नहीं होते, किंतु जिनका गुरुमंत्र सिद्ध हो गया है ऐसे महापुरुष बोलते हैं तो लोग बड़े तृप्त हो जाते हैं और महापुरुष के शिष्य बन जाते हैं ।*
*🔹अवगम शक्ति : मंत्रजाप से दूसरों के मनोभावों को जानने की शक्ति विकसित हो जाती है । दूसरे के मनोभावों को आप अंतर्यामी बनकर जान सकते हो ।*
*🔹प्रवेश अवति शक्ति : अर्थात् सबके अंतरतम की चेतना के साथ एकाकार होने की शक्ति । अंतःकरण के सर्व भावों को तथा पूर्वजीवन के भावों को और भविष्य की यात्रा के भावों को जानने की शक्ति कई योगियों में होती है । वे कभी-कभार मौज में आ जायें तो बता सकते हैं कि आपकी यह गति थी, आप यहाँ थे, फलाने जन्म में ऐसे थे, अभी ऐसे हैं । जैसे दीर्घतपा के पुत्र पावन को माता-पिता की मृत्यु पर उनके लिए शोक करते देखकर उसके बड़े भाई पुण्यक ने उसे उसके पूर्वजन्मों के बारे में बताया था । यह कथा योगवाशिष्ठ महारामायण में आती है ।*
*🔹श्रवण शक्ति : मंत्रजाप के प्रभाव से जापक सूक्ष्मतम, गुप्ततम शब्दों का श्रोता बन जाता है । जैसे, शुकदेवजी महाराज ने जब परीक्षित के लिए सत्संग शुरु किया तो देवता आये । शुकदेवजी ने उन देवताओं से बात की । माँ आनंदमयी का भी देवलोक के साथ सीधा सम्बन्ध था । और भी कई संतो का होता है । दूर देश से भक्त पुकारता है कि गुरुजी ! मेरी रक्षा करो... तो गुरुदेव तक उसकी पुकार पहुँच जाती है !*
🙏🚩 जय श्री राम 🙏🌹
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