Today Panchang आज का पञ्चांग
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 25 अप्रैल 2024*
*⛅दिन- गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - वैशाख*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - प्रतिपदा सुबह 6:45 तक तत्पश्चात द्वितीया*
*⛅नक्षत्र - विशाखा रात्रि 02:24 अप्रैल 26 तक तत्पश्चात अनुराधा*
*⛅योग- व्यतिपात प्रातः 04:54 अप्रैल 26 तक तत्पश्चात वरीयान*
*⛅राहु काल - दोपहर 02:12 से दोपहर 03:48 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:14*
*⛅सूर्यास्त - 06:59*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:44 से 05:29 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:11 से दोपहर 01:02 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 00:14 अप्रैल 26 से रात्रि 00:59 अप्रैल 26 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण- सम्पूर्ण वैशाख मास 24 अप्रैल से 23 मई तक सब तीर्थ आदि देवता जल में सदैव स्थित रहते हैं। अतः इस सर्वोत्तम मास में सूर्योदय से पूर्व स्नान व जलदान महापुण्यदायी है।*
*⛅विशेष - द्वितीया के दिन बृहति (छोटा बैंगन, कटेहरी) खाना वर्जित है।*
*🌹 वैशाख मास माहात्म्य 🌹*
*🌹 वैशाख मास सुख से साध्य, पापरूपी इंधन को अग्नि की भाँति जलानेवाला, अतिशय पुण्य प्रदान करनेवाला तथा धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष - चारों पुरुषार्थों को देनेवाला है ।*
*🌹 देवर्षि नारदजी राजा अम्बरीष से कहते हैं : ‘‘राजन् ! जो वैशाख में सूर्योदय से पहले भगवत्-चिंतन करते हुए पुण्यस्नान करता है, उससे भगवान विष्णु निरंतर प्रीति करते हैं । पाप तभी तक गरजते हैं जब तक जीव यह पुण्यस्नान नहीं करता ।*
*🌹 वैशाख मास में सब तीर्थ आदि देवता बाहर के जल (तीर्थ के अतिरिक्त) में भी सदैव स्थित रहते हैं । सब दानों से जो पुण्य होता है और सब तीर्थों में जो फल होता है, उसीको मनुष्य वैशाख में केवल जलदान करके पा लेता है । यह सब दानों से बढ़कर हितकारी है ।’’
*🌹 वैशाख (माधव) मास में जो भक्तिपूर्वक दान, जप, हवन और स्नान आदि शुभ कर्म किये जाते हैं, उनका पुण्य अक्षय तथा सौ करोड़ गुना अधिक होता है । (पद्म पुराण)*
*🔹गर्मियों में स्वास्थ्य-सुरक्षा हेतु🔹*
*✅ क्या करें ?*
*👉🏻 १] गर्मी के कारण जिनको सिरदर्द व कमजोरी होती है वे लोग सूखा धनियां पानी में भिगा दें और घिसके माथे पर लगायें । इससे सिरदर्द और कमजोरी दूर होगी ।*
*👉🏻 २] नाक से खून गिरता हो तो हरे धनिये अथवा ताजी कोमल दूब (दूर्वा) का २ – २ बूँद रस नाक में डालें । इससे नकसीर फूटना बंद हो जायेगा ।*
*👉🏻 ३] सत्तू में शीतल जल, मिश्री और थोडा घी मिलाकर घोल बनाके पियें । यह बड़ा पुष्टिा दायी प्रयोग है । भोजन थोडा कम करें ।*
*👉🏻 ४] भोजन के बीच में २५ – ३५ मि. ली. आँवले का रस पियें । ऐसा २१ दिन करें तो ह्रदय व मस्तिष्क की दुर्बलता दूर होगी । ( शुक्रवार व रविवार को आँवले का सेवन वर्जित है ।)*
*👉🏻 ५] २० मि. ली. आँवला रस, १० ग्राम शहद, ५ ग्राम घी – सबका मिश्रण करके पियें तो बल, बुद्धि, ओज व आयु बढ़ाने में मदद मिलती है ।*
*👉🏻 ६] मुँह में छाले पड गये हों तो त्रिफला चूर्ण को पानी में डाल के कुल्ले करें तथा मिश्री चूसें । इससे छाले शांत हो जायेंगे ।*
*❌ क्या न करें ?*
*👉🏻 १] अति परिश्रम, अति कसरत, अति रात्रि-जागरण, अति भोजन व भारी भोजन नहीं करें । भोजन में लाल मिर्च व गर्म मसालों का प्रयोग न करें ।*
*👉🏻 २] गर्मियों में दही भूल के भी नहीं खाना चाहिए । इससे आगे चल के नस-नाड़ियों में अवरोध उत्पन्न होता है और कई बीमारियाँ होती हैं । दही खाना हो तो सीधा नहीं खायें, पहले उसे मथ के मक्खन निकाल लें और बचे हुए भाग को लस्सी या छाछ बना के मिश्री मिला के या छौंक लगा के सेवन करें । ध्यान रहे, दही खट्टा न हो ।*
*👉🏻 ३] बाजारू शीतल पेयों से बचें । फ्रिज का पानी न पियें । धूप में से आकर तुरंत पानी न पियें ।*
*👉🏻 ४ ] अति मैथुन से बुढापा जल्दी आयेगा, कमजोरी जल्दी आयेगी । अत: इससे दूर रहें | ग्रीष्म ऋतू में विशेषरूप से संयम रखें ।*
🙏 जय श्री राम 🙏🌹
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