Aaj ka Panchang आज का पञ्चांग 13 फरवरी 2024 दिन मंगलवार
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩 आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩 युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩 विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩 तिथि - चतुर्थी दोपहर 02:41 तक तत्पश्चात पंचमी
⛅ दिनांक - 13 फरवरी 2024
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ अयन - उत्तरायण
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - माघ
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - उत्तर भाद्रपद दोपहर 12:35 तक तत्पश्चात रेवती
⛅ योग - साध्य सुबह 11:05 तक तत्पश्चात शुभ
⛅ राहु काल - दोपहर 03:44 से 05:09 तक
⛅ सूर्योदय - 07:14
⛅ सूर्यास्त - 06:34
⛅ दिशा शूल - उत्तर
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:32 से 06:23 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 से 01:19 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - श्री गणेश जयन्ती, विनायक चतुर्थी , वरद चतुर्थी, मंगलवारी चतुर्थी, विष्णुपदी-कुम्भ संक्रांति
⛅ विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🔸विनायक चतुर्थी : 13 फरवरी🔸
🔹हिन्दु कैलेण्डर में प्रत्येक चन्द्र मास में दो चतुर्थी होती हैं। हिन्दु धर्मग्रन्थों के अनुसार चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की तिथि हैं। अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं और पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं।
🔹विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता हैं। भगवान से अपनी किसी भी मनोकामना की पूर्ति के आशीर्वाद को वरद कहते हैं। जो श्रद्धालु विनायक चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं। ज्ञान और धैर्य दो ऐसे नैतिक गुण है जिसका महत्व सदियों से मनुष्य को ज्ञात है। जिस मनुष्य के पास यह गुण हैं वह जीवन में काफी उन्नति करता है और मनवान्छित फल प्राप्त करता हैं।
🔸गणेश जयन्ती :13 फरवरी🔸
🔹भगवन श्री गणेश के अवतरण-दिवस को गणेश जयन्ती के रूप में मनाया जाता है। हिन्दु पञ्चाङ्ग के अनुसार, गणेश जयन्ती माघ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती हैं।
🔸माघ शुक्ल गणेश जयंती को मुख्यतः महाराष्ट्र व कोंकण के तटीय क्षेत्रों में मनाया जाता हैं।
🌹मंगलवारी चतुर्थी - 13 फरवरी 24🌹
🔸पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर 02-41 तक
🌹इस दिन अगर कोई जप, दान, ध्यान, संयम करता है तो वह दस लाख गुना प्रभावशाली होता है, ऐसा वेदव्यास जी ने कहा हैं।
🔹विष्णुपदी-कुम्भ संक्रांति : 13 फरवरी 24🔹
🌹 पुण्यकाल : सुबह 09-51 से दोपहर 03-54 तक
🌹 विष्णुपदी संक्रांति में किये गये जप-ध्यान व पुण्यकर्म का फल लाख गुना होता हैं। (पद्म पुराण)
🌹 वसंत पंचमी :14 फरवरी 🌹
🌹 13 फरवरी दोपहर 02:41 से 14 फरवरी दोपहर 12:09 तक।
🔹विशेष :- उदया तिथि के अनुसार सरस्वती पूजा 14 फरवरी बुधवार के दिन होगी।
🌹 माघ मास शुक्ल पक्ष के पंचमी तिथि माँ सरस्वती का प्रागट्य दिवस है । सारस्वत्य मंत्र लिए हुए जो भी साधक हैं , सरस्वती माँ का पूजन करें और सफेद गाय का दूध मिले अथवा गाय के दूध की खीर बनाकर सरस्वती माँ को भोग लगायें। सफेद पुष्पों से पूजन करें और जिन विद्यार्थियों ने सारस्वत्य मंत्र लिया है वे तो खास जीभ तालू पर लगाकर सारस्वत्य मंत्र का जप इस दिन करें तो वे प्रतिभासम्पन्न आसानी से हो जायेंगे।
🌹 वसंत पंचमी सरस्वती माँ का आविर्भाव का दिवस है।जो भी पढ़ते हों और शास्त्र आदि या जो भी ग्रन्थ, उनका आदर-सत्कार-पूजन करो। और भ्रूमध्य में सूर्यदेव का ध्यान करो।जिससे पढ़ाई-लिखाई में आगे बढ़ोगे।
🙏🚩 जय श्री राम 🚩🙏
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